Skin care: विटामिन डी शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जानें कब का धूप लेना रहेगा सही

Skin care: विटामिन डी शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह दिमाग के साथ-साथ नसों को भी काफी सक्रिय रखता है, जिससे शरीर कई तरह की मानसिक और शारीरिक बीमारियों से बचा रहता है। इस लेख के माध्यम से हम यह जान सकते हैं कि विटामिन डी सूरज की रोशनी से मिलता है

लेकिन किस समय सूरज की रोशनी ज्यादा फायदेमंद होती है? विटामिन डी शरीर के लिए बहुत जरूरी है। यह फ्रेम के अंदर मैसेजिंग की ताकत को बढ़ाने का काम करता है। यह पोषण शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है, आप शर्त लगा सकते हैं कि यह वास्तव में शरीर के लिए एक न्यूरोट्रांसमीटर की तरह काम करता है।

विटामिन डी मस्तिष्क से शरीर के प्रत्येक अंग तक संदेश भेजने का काम करता है। यह हार्मोनल फिटनेस को भी दुरुस्त रखने का काम करता है। इस पोषण में कमी रखने वाले लोगों का बौद्धिक स्वास्थ्य भी खराब हो सकता है। विटामिन डी शरीर में डोपामाइन के स्तर को भी प्रभावित करता है। जिसके कारण डिप्रेशन की परेशानी हो सकती है। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि आप शरीर में विटामिन डी की कमी को समझें और समय रहते इसकी भरपाई करें।

दिन का प्रकाश शरीर को विटामिन डी कैसे प्रदान करता है?

जब हमारी त्वचा सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आती है, तो यह कोलेस्ट्रॉल मलबे के साथ मिलकर विटामिन डी में परिवर्तित हो जाती है। सूर्य के प्रकाश से पराबैंगनी बी किरणों के साथ मिश्रित होने पर विटामिन डी बनता है। इस दौरान ऊतक इस दिन की रोशनी को सोख लेते हैं। विटामिन डी एलडीएल कोलेस्ट्रॉल मलबे के साथ मिल जाता है।

दिन के उजाले से हमें विटामिन डी किस समय मिलेगा?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विटामिन डी सुबह के समय ही मिलना चाहिए। सुबह 6 बजे से 9.30 बजे के बीच पराबैंगनी बी किरणें मिल सकती हैं। इसके बाद सूर्य के प्रकाश में कोई विटामिन डी नहीं रहता। इसके बाद अगर आप लंबे समय तक धूप में बैठते हैं तो भी आपको कोई फायदा नहीं मिलता है।

विटामिन डी के लिए इस तरह लें धूप का सेवन

अगर आप रोजाना 10 से 20 मिनट तक धूप में बैठते हैं तो आपको आसानी से विटामिन डी मिल सकता है। इसके अलावा अगर आप हफ्ते में तीन दिन शाम 6 से 9.30 बजे तक धूप लेते हैं तो विटामिन डी की कमी पूरी हो सकती है। इसका दिमाग, नींद, त्वचा और बालों पर सीधा असर पड़ता है। सुबह की रोशनी के संपर्क में आने से कई बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

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